वाराणसी अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार समिति का हिस्सा रहते हुए करीब 30 लोकतांत्रिक देशों के ऊपर रिसर्च कर प्रजातंत्र की खामियों के ऊपर रिपोर्ट बनाने वाले वैज्ञानिक अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विनय कुमार ने भारत की जनसंख्या व्यवस्था को सुधारने का प्रपोजल प्रधानमंत्री को भेजा है । अपनी बात बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र की सबसे बड़ी खामी है चुनाव में होने वाले खर्च। जिससे चुनाव वही जीतकर देश पर राज करता है ,जिसने भ्रष्टाचार से धन कमाया हो या देश का सबसे बड़ा व्यवसायी हो। आज के समय में प्रजातंत्र में वही देश विकसित कर सकता है, जिसके सरकारी नौकर ईमानदार हैं या यस सरकारी नौकरों के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए फुलप्रूफ एंटी करप्शन सिस्टम हो। भारत का जनतंत्र पूरी तरह धनतंत्र में तब्दील हो गया है। यहां वोट मुद्दों के आधार पर कम और धन के आधार पर ज्यादा डाला जाता है। पंचायती चुनाव इसका सबसे अच्छा उदाहरण है और अगर कोई अपने मुद्दों के दम पर चुनाव जीत जाता है तो वह विधानसभा में जाकर बिक जाता है।
*70% जनता पर रोज अन्याय*
डॉ विनय सिंह ने कहां की 70% जनता पर रोज अन्याय होता है । लेकिन इस अन्याय को अपना भाग्य समझ कर जनता इसकी आदि भी हो गई है और यह जनता इतनी सक्षम भी नहीं है कि बदलाव के लिए आंदोलन करें। हर जगह इन्हें लूटा जाता है और अगर सरकार की तरफ से इनके लिए कोई वित्तीय सहायता आती है तो सरकारी नौकर के दलाल 50% जनता की धनराशि लूट लेते हैं । इसका उदाहरण हम स्वच्छ भारत अभियान में ही देख सकते हैं जहां बलिया जिला का तहसील ब्लॉक एवं गांव गंदगी की ढेर पर बसा है और बरसात में लोग सड़क के दोनों तरफ शौच कर गंदगी फैलाए हुए रहते हैं । स्वच्छ भारत और विकास के नाम पर इस अभियान में इतना लूट हुआ है कि 2020 में स्विस बैंक में करीब 20700 करोड़ का इजाफा हुआ। जिससे पिछले 13 सालों का रिकॉर्ड टूट गया और ग्लोबल हंगर इंडेक्स भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और भूटान से भी नीचे आ गया।
*भारत की 30% जनता करती है अन्याय*
भारत मे सरकारी नौकर, नेता, प्रतिनिधि ,सर्विस प्रोडक्टर ,प्रोफेशनल व्यवसाई आदि लोग 30% जनता में आते हैं और यही लोग अन्य 70% लोगों पर अन्याय करते हैं। यह ऐसे लोग हैं जो एक सिस्टम से खुश हैं और बदलाव नहीं चाहते क्योंकि उनकी दुकान तो चल रही है । इनमें से सिर्फ 1% लोग ऐसे हैं जो अन्याय को रोकने की कोशिश कर रहे हैं ,लेकिन इनके सामने खड़े 29% लोग उन्हें ऐसा करने नहीं देते।
*99% अन्याय का कारण भ्रष्टाचार*
बताते चलें कि अन्याय का सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार होता है ,जहां जनता को लूटा याद दबाया जाता है । इसी वजह से जब तक भ्रष्टाचार रोकने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ फुलप्रूफ सिस्टम नहीं बनाया जाएगा, भारत में तब तक विकास दिखेगा ही नहीं और कहने से या ऊपरी दिखावे से विकास नहीं होता है।
*129 करोड़ लोगों के पास साधन और संसाधन अकेले सिर्फ एक करोड़ व्यवसायियों के पास ही मौजूद है*
देश की 125 करोड़ लोगों के पास जितना धन और संसाधन है उतना धन सिर्फ एक करोड़ व्यवसायियों के पास है। आने वाले दिनों में व्यवसाई धन एवं मीडिया के बल पर नेताओं को राज करने एवं लूटने का झांसा दे ,देश को अपने अधीन कर लेंगे और जनता के वोटों की कोई कीमत नहीं रहेगी। आज उन देशभक्तों की जरूरत है जो देश को लूट रहे देशद्रोहियों के खिलाफ आवाज उठाकर सिस्टम में परिवर्तन कर सके । असल देशभक्त वही है जो इस सड़े गले सिस्टम से विकास का सपना त्याग कर सबसे पहले देश के बारे में सोचें और एक एंटी करप्शन का फुल फ्रूट सिस्टम देकर देशवासियों पर हो रहे अन्याय को रोके।
*देशभक्तों के लिए सुझाव*
1. सरकारी खजाने से तनख्वाह लेने वाले सभी सरकारी नौकर लेखपाल से लेकर राष्ट्रपति तक की संपत्ति कि प्रतिवर्ष स्वतंत्र संस्था लोकपाल के अधीन सीबीआई को लॉककर जांच और आय से ₹1 भी अधिक राशि पाई जाती है तो सरकारी नौकर की बर्खास्तगी के साथ उसकी सारी संपत्ति जप्त हो और कम से कम 10 साल की कारावास की व्यवस्था हो।
2. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार पर रोक लगाकर सिर्फ प्रत्याशियों के जीवन परिचय को चुनाव आयोग के माध्यम से घर-घर तक पहुंचाने की व्यवस्था हो ताकि चुनाव में किसी भी प्रत्याशी का ₹1 भी खर्च ना हो जिससे चुनाव में बराबरी का मौका मिले और जनतंत्र को धन तंत्र बनने से रोका जा सके।
3. न्याय में देरी अन्याय हैं और न्याय दिलाने के लिए हर तरह के केस के निपटारे के लिए एक समय सीमा निर्धारित हो और यदि तय सीमा में फैसला नहीं आता है तो केस से जुड़े न्यायाधीश वकील एवं जांच अधिकारियों पर जुर्माने की व्यवस्था हो और इस जुर्माने की राशि अन्याय के भुक्तभोगी को दिया जाए।
Posted On:Friday, December 31, 2021